10 प्रतिशत आरक्षण देने से संबंधित अनुच्छेद (article) 15 व 16 हैं,इनके बारे में विस्तार से जाने।


 
Reservation only 50 percent
भारतीय संविधान के भाग तीन का अध्ययन करने पर मालूम होता है कि भारतीय नागरिकों को सात मौलिक अधिकार प्राप्त हुए थे उनमें सबसे पहला अधिकार समानता का अधिकार  अनुच्छेद 14 से 18 के रूप में वर्णित है अनुच्छेद परिभाषित करता है कि राज्य किसी भी नागरिक के विरुद्ध धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्म, स्थान या इनमें से किसी के आधार पर विभेद नहीं करेगा, मूल अधिकार के खण्ड 3 तथा 4 वे आधार दिये गए हैं,जिनके आधार पर राज्य संरक्षणात्मक भेदभाव कर सकता है ।स्त्रियों एवं बच्चों के लिए विशेष प्रावधान करने का अधिकार राज्य को पहले से ही प्राप्त था, लेकिन सामाजिक व शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों व अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति के सदस्यों के सम्बंध में विशेष आरक्षण का प्रावधान प्रथम संविधान संशोधन 1951 द्वारा संविधान में अनुच्छेद 15(4) को अंत:स्थापित करके किया गया है।सरकारी सेवाओं में आरक्षण का आधार अनुच्छेद 15 (4) ही है।सरकारी सेवाओं में आरक्षण प्रदान करने के मापदंड नियत करने के लिए 1953 में काका कालेलकर आयोग व 1978 में मंडल आयोग का गठन किया गया काका आयोग की सिफारिश को निरस्त कर दिया गया लेकिन मंडल आयोग की सिफारिशों को मान लिया गया था।
आरक्षण कितने प्रतिशत हो सकता? उच्चतम न्यायालय ने इन्दिरा साहनी बनाम भारत संघ तथा अन्य मामलों में निर्णय दिया कि किसी भी शर्त पर आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता।इस बात को स्वीकार किया जाना चाहिए कि बुनियादी तौर पर कोई भी आरक्षण विभेदकारी होगा क्योंकि इससे समानता के सिद्धांत का उल्लंघन होगा और योग्यता को निम्न प्राथमिकता दी जायेगी।इस प्रकार योग्य उम्मीदवारों को हताशा होगी।

Post a Comment

comment hare

Previous Post Next Post

Contact Form