नक्शा दुरुस्ती का वाद उत्तर प्रदेश की भू राजस्व अधिनियम की धारा 28 के तहत दर्ज किया जाता है।नक्शा दुरुस्ती के मामले में अंतिम आदेश कलेक्टर के द्वारा ही किया जाता है।लेकिन रिपोर्ट तहसील स्तर से ही प्राप्त की जाती है चाहें मामला कागजात दुरुस्ती का हो या नक्शा दुरुस्ती का।नक्शा दुरुस्ती का प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर जिला अधिकारी महोदय परगना अधिकारी के माध्यम से तहसीलदार से रिपोर्ट मागेंगे, तहसीलदार महोदय इस प्रकरण की रिपोर्ट राजस्व निरीक्षक से माँगेगे।इस मामले की जाँच राजस्व निरीक्षक करेंगे।यदि काश्तकार के पड़ोसी कास्तकार के खेत में अतरिक्त भूमि है तो उसको पक्षकार मानकर सुनवायी की जाएगी।यदि ऐसी स्थिति नहीँ होती है तो अन्य काश्तकारों को पक्षकार बना कर सुनवाई की जाएंगी।उक्त आधार पर राजस्व निरीक्षक की स्पष्ट रिपोर्ट प्राप्त होने पर तहसीलदार उसे परगना अधिकारी के माध्यम से कलेक्टर को भेज देगा।कलेक्टर पक्षों की सुनवाई व अन्य साक्ष्य लेने पर अंतिम आदेश पारित करेगे।
इस की अमल दरामद नक़्शे की मूल प्रतिपि पर की जावेगी जो जिला राजस्व भू लेखागार में रखा रहता है।नक्शे पर ही आदेश संख्या व दिनांक अंकित रहेगी।आदेशित गाटे को लाल सिहाही से रेखांकित किया जाता है।
इस की अमल दरामद नक़्शे की मूल प्रतिपि पर की जावेगी जो जिला राजस्व भू लेखागार में रखा रहता है।नक्शे पर ही आदेश संख्या व दिनांक अंकित रहेगी।आदेशित गाटे को लाल सिहाही से रेखांकित किया जाता है।