उत्तर प्रदेश में जोतदारी की किस्में जब up za लागू नहीं हुआ था।bhulekh


Bhulekh vibhag ke antargat
उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश व भूमि व्यवस्था अधिनियम के लागू होने से पहले हमारे प्रदेश में चौदह किस्म की भ्रामक एवं जटिल जोतदारी थी।इन चौदह क़िस्म के काश्तकारों के अधिकार एक समान नहीं थे किसी के अधिकार उच्चतम कोटि के व किसी के अधिकार अति निम्न कोटि के थे।उनके अधिकार अधिक अस्थायी व असंक्राम्य थे।उदारहण के तौर पर,शरह मुअय्यन काश्तकार का अधिकार अधिक स्थायी व संक्राम्य था और वह बेदखल नहीँ किया जा सकता था।जबकि गैर दखीलकर काश्तकार का अधिकार अस्थायी व असंक्राम्य था और जमींदार के प्रसाद तक ही भूमि धारण कर सकता है।
क्या आपको पता है कि इनको किन किन नामों से इन किस्मों को  जाना जाता था।हमको आपको एक बहुत ही सिंपल ट्रिक के साथ जोतदारी की किस्में याद कराते हैं।इस ट्रिक को हिंदी वर्णमाला के प्रथम अक्षर को लेकर बनाया गया है यदि अच्छी लगे तो कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट न भूलें ,चलिये शुरू करते हैं।
ट्रिक:-
अंगद मामा ग ग़दर शिबा  जोश सी।
  1. अ:-अवध में विशेष शर्तों वाले काश्तकार
  2. ग:- गतस्वामित काश्तकार
  3. द:- दखीलकर काश्तकार                        
  4. मा :-मौरूसी काश्तकार
  5. मा :- माफ़ीदर काश्तकार
  6. ग:-गैर दखीलकार                                                         
  7. ग :- गुजारेदार
  8. द:-दखीलकर
  9. र:- रियाती काश्तकार
  10. शि :- शिकमी काश्तकार
  11. बा :- बागदार
  12. जो :- जोतदार
  13. श :- शरह मुअय्यन काश्तकार
  14. सी :- सीरदार

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