1 मई- विश्व मजदूर दिवस
1 मई 1886 से पूर्व तक अधिकतर देशों में प्रतिदिन कार्य करने का समय 12-16 घण्टे था।कार्य करने की समय सीमा आठ घण्टे निर्धारित करने के लिए अमेरिका के शिकागों शहर में आन्दोलन हुआ।आन्दोलन को कुचलने का प्रयास किया गया। लेकिन मजदूर यूनियनों के संघर्ष ने अन्तत: अमेरिका सरकार को झुका दिया, और कार्य करने की समय सीमा को आठ घण्टे निश्चित किया गया।और श्रमिकों द्वारा प्रथम आन्दोलित दिनाँक 1 मई को मजदूर दिवस घोषित कर दिया गया।भारत व अन्य मुल्कों में मजदूर दिवस को श्रमिकों द्वारा बङी धूमधाम से मनाया जाता ।मजदूर दिवस |
को भी नियत समय के अन्दर ही कार्य करवाना चाहिए।मनुष्य की सामान्यत : क्षमता आठ घण्टे ही है।उसके बाद किया कार्य उसे बोझ लगता है।
नियत समय में जो मालिक कार्य कराते है।मजदूर उनकों सहोदर भाई मानकर कार्य करतें हैं इसके साथ ही दूसरे दिन नई ऊर्जा के साथ कार्य समपन्न
करतें हैं।