महाल का शाब्दिक अर्थ है - भूमि का ढेर है,जो एक राजकोषीय क्षेत्र था जो मालगुजारी (जमींदारी द्वारा सरकार देय रकम )के भुगतान के लिए सबसे छोटी इकाई थी।एक महाल में एक गाँव व एक से अधिक गाँव सम्मिलित थे।एक गाँव मे एक व एक से अधिक महाल भी होते थे।अवध प्रान्त के महाल में बहुत से गाँव सम्मिलित थे किंतु आगरा प्रान्त कर महाल छोटे होते थे।महाल के मालिक को भूस्वामी (प्रोप्राइटर) कहते थे ।यह भूस्वामी सरकार को सीधे मालगुजारी देता था।महाल के अंश को पट्टी कहते थे।